Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 4 Jan 2022 4:42 pm IST


पर्यटकों की मौत से वन विभाग पर उठे सवाल, होगी जांच


गोपेश्वर: गोरसों में मुंबई के दो पर्यटकों संजीव गुप्ता और सिम्सा गुप्ता की मौत से वन विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच एसडीएम जोशीमठ को सौंपी है। पर्यटकों की सुरक्षा भी जांच का हिस्सा रहेगी। एसडीएम इस बात की भी जांच करेंगे कि एक दिन की अनुमति देने के बाद उनकी वापसी के बारे में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों ने उनकी वापसी क्यों नहीं सुनिश्चित की।

औली से चार किलोमीटर दूर गोरसों में बीती एक जनवरी को बर्फ में दो पर्यटकों संजीव गुप्ता और सिम्सा गुप्ता के शव दबे मिले थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि संजीव गुप्ता फ्लैट नंबर 2006 बीसवां फ्लोर एमएचडीए कांप्लेक्स, गणपतराव मार्ग, वेस्ट मुंबई (महाराष्ट्र) में रहते थे और लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली सिम्सा गुप्ता के साथ औली घूमने आए थे। 14 दिसंबर 2021 के लिए उन्होंने गोरसों जाने की अनुमति वन विभाग से ली थी। एक पखवाड़े बाद नए साल के पहले दिन एक जनवरी को उनके शव बर्फ में दबे मिले। इससे सनसनी फैल गई। चमोली पुलिस ने वर्ली थाने से संपर्क किया तो पता चला कि संजीव गुप्ता लंबे समय से परिवार से अलग रहते थे। मृतक के स्वजन रामपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। मृतक का एक भाई दिल्ली व दूसरा काशीपुर में रहता है। मृतक का भाई काशीपुर से गोपेश्वर के लिए रवाना हो चुका है। बताया गया कि मृतक के साथ जिस युवती का शव मिला, वह उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी। पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि युवती के स्वजन का भी पता लगाया जा रहा है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दोनों पर्यटकों ने औली से गोरसों जाने की अनुमति वन विभाग से ली थी, लेकिन अनुमति के बाद नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों को पर्यटकों की वापसी को सुनिश्चित किया जाना था। इससे पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग की जवाबदेही पर भी सवाल उठना लाजिमी है। कहा कि अगर समय पर वन विभाग के अधिकारी सचेत हो जाते तो पर्यटकों का रेस्क्यू किया जा सकता था।