सरोवर नगरी नैनीताल अपनी खूबसूरत झील के साथ ही नैना देवी मंदिर के लिए भी विख्यात है.देश विदेश के पर्यटक जब भी घूमने नैनीताल आते हैं तो, मां नैना देवी मंदिर के दर्शन करना नहीं भूलते. झील के पास स्थित इस मंदिर के दर्शन से ही आंखों के विकार दूर हो जाते हैं.
नैना देवी मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वो पूरी होती है. कहा जाता है कि माता सती के दो नयनों में एक नैनीताल और दूसरा नेत्र हिमाचल के बिलासपुर में गिरा था. इसीलिए यहां लोगों की बड़ी आस्था है. नैना देवी मंदिर 64 शक्तिपीठों में से एक है. स्थानीय लोग नैना देवी को मां नंदा देवी भी मानते हैं. हर साल नंदा अष्टमी में यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.
नैना देवी मंदिर की तरह नैनी झील भी काफी पवित्र है. मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि जब अत्री, पुलस्त्य और पुलह ऋषि को नैनीताल में कहीं पानी नहीं मिला तो, उन्होंने एक गड्ढा खोदा और मानसरोवर झील से पानी लाकर उसमें भरा. इस झील में बारे में कहा जाता है. यहां स्नान करने से ही कैलाश मानसरोवर का पुण्य मिलता है.