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• Mon, 17 May 2021 8:09 am IST


ऋषिकेश: घाटों पर गंगा में गिर रहे कोरोना संक्रमित शवों के अवशेष, बहाई जा रही अधजली राख


उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। तीर्थनगरी ऋषिकेश का हाल यह है कि श्मशान घाट में भी दाह संस्कार के लिए जगह की कमी पड़ रही है। मजबूरी में लोग गंगा तट से बिल्कुल सटाकर खुले में कोविड शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं।

ऐसे में कई बार शव के अवशेष भी गंगा में गिर रहे रहे, जबकि दाह संस्कार के बाद बिना विसंक्रमित किए शवों की राख भी गंगा में बहाई जा रही है। ऐसे में संक्रमण के फैलने का खतरा तो बढ़ ही रहा है, वहीं गंगाजल और शहर की आबोहवा भी प्रदूषित हो रही है।

इसके अलावा इससे जल प्रदूषण भी होता है। श्मशान घाट पर जलती चिताओं की राख के छोटे-छोटे कण धूल के साथ उड़कर आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। साथ ही वायु प्रदूषण भी हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों के अधजले शव और गंगा में प्रवाहित श्मशान की अधजली राख खतरनाक हो सकती है।


पूर्णानंद घाट पर कोविड संक्रमितों के दाह संस्कार में शामिल होने वाले लोग नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। घाटों के आस-पास जगह-जगह पीपीई किट और मास्क बिखरे हुए है। घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है।