DevBhoomi Insider Desk • Sun, 9 Jan 2022 7:00 pm IST
आखिरकार नींद से जाग ही गया उत्तराखंड वन विभाग
प्रचलित धारणा है कि सरकारी विभाग तभी जागते हैं, जब कोई विपत्ति आ जाए या फिर सिर पर खड़ी हो। उत्तराखंड के 71.05 प्रतिशत वन भूभाग में फैली वन संपदा का जिम्मा संभालने वाला वन विभाग भी इससे अछूता नहीं रहा है, लेकिन इस बार उसे अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ है। हम बात कर रहे हैं वनों को आग से बचाने की। 15 फरवरी से आग के दृष्टिकोण से संवेदनशील समय शुरू होने वाला है। इसे देखते हुए विभाग ने अभी से तैयारियों को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। हालांकि, इस बार सर्दियों में मौसम के साथ देने से आग की घटनाओं के मामले में सुकून रहा, लेकिन विभाग ने अपने संसाधनों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। साथ ही जिला फायर प्लान आदि तैयार करने की कसरत चल रही है। इसे अच्छी पहल माना जा सकता है। बशर्ते इसमें किसी तरह की हीलाहवाली न हो।