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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 3 Nov 2022 7:00 am IST


5 नवंबर को है शनि प्रदोष व्रत, जानें मुहूर्त और पूजा विधि


पंचांग के अनुसार, हर मास के शुक्ल और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। भगवान शिव को समर्पित यह व्रत 5 नवंबर को पड़ रहा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शनिवार पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। शनि प्रदोष व्रत के साथ भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की पूजा करना शुभ होगा। जानिए शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।

शुभ मुहूर्त 
कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि आरंभ- शाम 5 बजकर 06 मिनट से। 
कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त- 06 नवंबर शाम 4 बजकर 28 मिनट पर। 
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक। 

पूजा विधि
शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके साथ ही शिव जी की विधिवत पूजा करें। भगवान शिव को जल अर्पित करने के साथ सफेद चंदन, अक्षत, फूल, माला, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र आदि चढ़ा दें। इसके साथ ही भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद घी का दीपक जलाने के साथ धूप जलाएं। इसके बाद प्रदोष व्रत कथा पढ़ लें। फिर शिव चालीसा और मंत्र का जाप कर लें। अंत में आरती करने के साथ भूल चूक के लिए माफी मांग लें। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को फिर से स्नान आदि करके विधिवत शिव जी की पूजा करें।

प्रदोष व्रत का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को धन लाभ के साथ अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा से हर काम में सफलता के साथ तरक्की होती है। माना जाता है कि संतानहीन दंपति इस व्रत को जरूर रखें। ऐसा करने से भगवान शिव जल्द ही उनकी इच्छा पूर्ण कर देते हैं।