विभिन्न ट्रेड यूनियनों की 28 और 29 मार्च को प्रस्तावित आम हड़ताल को लेकर संयुक्त बैठक बीमा कर्मचारी संघ भवन में हुई। इसमें कर्मचारियों ने न्यूनतम 26 हजार वेतन और दस हजार मासिक पेंशन देने की बात रखी है। बैठक में तय हुआ कि हड़ताल में अपने-अपने कार्यालयों में प्रदर्शन के बाद 28 मार्च को 11 बजे से बुद्ध पार्क में संयुक्त कार्यक्रम किया जाएगा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 28-29 मार्च की राष्ट्रीय हड़ताल देश की संपत्तियों के निजीकरण निगमीकरण के खिलाफ, बढ़ती बेरोजगारी, छंटनी पर रोक लगाने, महंगाई पर रोक लगाने, चारों श्रम कोड कानून रद्द करने करने को लेकर है। इसके अलावा आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित करते हुए वैधानिक न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने, वेतन और सामाजिक सुरक्षा में कटौती बंद करने, छब्बीस हजार न्यूनतम वेतन और दस हजार रुपये मासिक पेंशन लागू करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, श्रम अधिकारों, नियमितीकरण और समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी करने, एलआईसी का आईपीओ वापस लेने, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ है। वक्ताओं ने कहा कि आजीविका की गारंटी करने और रोजगार का अधिकार देने, ईपीएफ ब्याज दरों में की गई कटौती वापस लेने समेत अन्य मांगे हैं। वक्ताओं ने कहा कि यह हड़ताल राष्ट्र की सार्वजनिक संपत्ति बचाने की है इसलिए आम जनता को इस हड़ताल के समर्थन में आना चाहिए। बैठक में ऐक्टू, बीमा कर्मचारी संघ, बैंक यूनियन, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के केके बोरा, डीके पांडे, गौरव गोयल, डॉ. कैलाश, बीपी उपाध्याय, शोभित बाजपेई, पंकज त्रिपाठी, मनोज आर्य, रविंद्र कुमार, हेमंत कुमार, हिमांशु चौधरी, एनएस कैड़ा आदि मौजूद रहे।