उत्तरकाशी : गंगा विश्व धरोहर मंच के सदस्यों ने जैविक अजैविक कचरे निस्तारण पर गंगा ग्रामों में संवाद व सब्जियों के बीज किटों का वितरण किया। मंच के तत्वावधान में उत्तरकाशी के 21 गंगा ग्रामों में गंगा संवाद व कचरा प्रबंधन के बारे में ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी दी गई। गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि 4 नंवम्बर 2008 को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। आने वाली 4 नवंबर को उत्तरकाशी मुख्यालय में गंगा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें गंगा ग्रामों को गंगा गौरव सम्मान प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मंच की ओर से बीज बैंक स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए तैयारी चल रही है। गंगा नदी में बढ़ते कचरे और प्लास्टिक पर उन्होंने चिंता जाहिर की। कहा कि प्लास्टिक किसी अन्य तत्व या जैविक चीजों की तरह पर्यावरण में घुलता नहीं, बल्कि सैकड़ों साल तक वैसे ही बना रहता है। साथ ही प्लास्टिक जिस जगह पर पड़ा रहता है उस जगह को अपने रसायनों से जहरीला भी बनाता जा रहा है। जिस मिट्टी में यह प्लास्टिक जाता है, उसे बंजर बना देता है।