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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 1 Jan 2022 11:24 am IST

बिज़नेस

नए साल से बदल जाएंगे ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर


 नए साल (1 जनवरी 2022) पर सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने जा रही है, जिसका असर सीधे अपने जीवन पर पड़ेगा. इन नियमों में बैंक से पैसा निकालने से लेकर जमा करने, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम हैं. जीएसटी कानून में बदलाव आ जाएगा. जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में भी कुछ बदलाव किए हैं. ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2022 से लागू होंगे. आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में...

ATM से कैश निकालना: नए साल के पहले दिन यानी एक जनवरी से एटीएम से कैश निकालना महंगा हो जाएगा. नए साल में एटीएम से मुफ्त निकासी की सीमा के बाद पैसे निकालने पर आपको अभी की तुलना में ज्यादा चार्ज देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में ही शुल्क बढ़ाने की इजाजत दे दी थी. RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार एक्सिस बैंक या अन्य बैंक के एटीएम में मुफ्त सीमा से ऊपर का फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने पर 21 रुपये और GST देना होगा.

बदल जाएंगे डेबिट और क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करने का नियम: 1 जनवरी से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने का तरीका बदल जाएगा. दरअसल, ऑनलाइन पेमेंट को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों में बदलाव किया है. अब ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स भरनी होंगी. यानी अब ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट के दौरान मर्चेंट वेबसाइट या ऐप आपके कार्ड की डिटेल स्टोर नहीं कर सकते, जो पहले से सेव जानकारी होगी, वह हटा दी जाएगी.

GST कानून में बदलाव: नए साल में जीएसटी के गलत रिटर्न भरना महंगा पड़ने वाला है. जीएसटी अधिकारी एक जनवरी से गलत जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ वसूली के लिए सीधे कदम उठा सकेंगे.

बदल जाएंगे Google के नियम: गूगल प्ले स्टोर पर आपकी पेमेंट करने की कार्ड डिटेल सेव नहीं होगी, जो पहले से दर्ज जानकारी है, वो हट जाएगी. आपको पेमेंट करने के लिए फिर से अपनी जानकारी भरनी होगी.

ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने पर देना होगा GST: 1 जनवरी से स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ई-कॉम स्टार्टअप उनके द्वारा दी जाने वाली सर्विस पर जीएसटी लेंगे। उन्हें अब ऐसी सर्विस के लिए चालान सरकार को जमा करने होंगे। हालांकि, इससे अंतिम कस्टर्स यानी आपकी जेब पर बहुत अधिक बोझ नहीं पड़ेगा. अभी वही टैक्स रेस्टोरेंट ले रहा है. सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि बीते 2 सालों में खाने की डिलीवरी करने वाले ऐप्स 2000 करोड़ का खराब प्रदर्शन दिखा चुके थे. सरकार को लगता है कि ऐसा करने से टैक्स कलेक्शन बढ़ जाएगा.