हरिद्वार-कोरोना काल में अफसरों और नेताओं को भले ही मरीजों के इलाज की परवाह नहीं है, लेकिन अपनों के अस्थि विसर्जन के लिए उन्हें वीआईपी प्रोटोकाल जरूर चाहिए। वीआईपी घाट पर स्नान की जगह अब नेता-अफसरों के अपनों की अस्थियां विसर्जित कराई जा रही हैं। इनमें नॉन कोविड और कोविड दोनों शवों की अस्थियां शामिल हैं।