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• Fri, 9 Feb 2024 3:00 pm IST


देर रात तक आपको भी नहीं आती है नींद ? जानिए कारण और उपाय


बदलते लाइफस्टाइल और काम में व्यस्त रहने के वजह से कई लोगों को देर रात तक जागने की आदत हो जाती है. ऐसे में जिस दिन वह जल्दी सोना चाहते हैं उस दिन फिर उन्हें नींद आने में समस्या आती है. दरअसल, आजकल कई लोग देर रात तक मोबाइल फोन चलाते रहते हैं जिसका सीधा असर उनके मस्तिष्क पर पड़ता है. धीरे धीरे ये परेशानी और भी गंभीर होने लगती है. इसे इंसोमनिया कहा जाता है. इस बीमारी से ग्रसित होने पर लोगों को रात के समय जल्दी नींद नहीं आती है या फिर नींद हर थोड़ी देर पर टूटती रहती है. रात भर जागना आजकल लोगों के लिए आम हो गया है, देर रात तक जागने की वजह से उनका कोई भी काम समय पर नहीं हो पाता है. ये समस्या बहुत तेजी से लोगों के बीच फैल रही है. शुरुआत में लोग इसपर ध्यान नहीं देते हैं लेकिन वक्त के साथ इन्हें कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ये समस्या ज्यादातर काम का प्रेशर, टेंशन, फिजिकल एक्टिविटी का न होना, अत्यधिक स्ट्रेस शामिल है. अगर कोई भी इंसान इस समस्या को हल्के में लेता है तो उसे सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि ये बीमारी आगे चलकर आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकती है.नींद न आने के पीछे कई वजह शामिल होती है. कुछ लोगों की तो आदत होती है रात को देर तक मोबाइल चलाने की लेकिन वहीं कुछ लोगों को अपने काम के वजह से जागना पड़ता है. आइए जानते हैं किन वजहों से आपको रात में नहीं आती है नींद.

1.बिस्तर में बदलाव - कई बार ऐसा होता है जब हम अपने किसी दोस्त या परिवार के किसी संबंधी के घर जाते हैं तो बिस्तर बदल जाने के वजह से कुछ लोगों को नींद नहीं आती है. यह समस्या कुछ दिन बाद खुद ही ठीक हो जाती है.

2.रात के समय जागते रहना- कुछ लोग देर रात तक जागकर मोबाइल चलाते हैं या पिर मूवी देखते हैं जिस वजह से वह कुछ दिनों बाद अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं.

3.सोने से पहले कैफीन का सेवन - सोने से पहले भूलकर भी कैफीन का सेवन न करें. अधिकतर लोगों को इसी वजह से रात जल्दी नींद नहीं आती है. वहीं कुछ लोग खाना खाते ही बिस्तर पर चले जाते हैं जिससे उन्हें अपच की समस्या तो होती ही है साथ ही नींद आने में भी परेशानी होती है.

इंसोमनिया एक तरह की खतरनाक बीमारी है जिसे नजरअंदाज करने से आप मानसिक रूप से बीमार पड़ सकते हैं. लेकिन आखिर पता कैसे लगेगा कि आप इंसोमनिया के शिकार हैं या नहीं, आइए जानते हैं.

1. सोने में परेशानी 2.रात को जागते रहना 3.दिन भर बेचैनी महसूस होना 4.रात की जगह दिन में नींद आना 5.सोने से पहले ज्यादा सोचना 6.स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन

इंसोमनिया को दो स्टेज में बांटा गया है, प्राइमरी और सेकेंडरी इंसोमनिया. प्राइमरी इंसोमनिया में नींद आने की समस्या किसी शारीरिक बीमारी से जुड़ी नहीं होती है. वहीं सेकेंडरी इंसोमनिया में नींद न आने की समस्या सेहत से जुड़ी हो सकती है जिसमें अस्थमा, डिप्रेशन शामिल है.

इंसोमनिया से बचने के लिए आप इन उपायों को आजमा सकते हैं :


1.एक्सरसाइज करें - नींद को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा थकाएं. इससे आपको नींद जल्दी आएगी. नींद के अलावा एक्सरसाइज करने से आप फिट भी रहेंगे.

2.खाना जल्दी खा लें- खाना खाने के तुरंत बाद सोने न जाएं बल्कि कम से कम दो घंटे पहले ही खाना खा लें. इसके बाद आप वॉक पर जा सकते हैं. खाना खाने के तुरंत बाद बैठने या लेटने से सेहत बिगड़ सकती है.

3.मोबाइल से दूरी बनाएं - रात को सोने से कम से कम एक घंटे पहले आप मोबाइल फोन चलाना बंद कर दें. इसकी जगह आप किताबें पढ़ सकते हैं या रूम में पसंदीदा गाना सुन सकते हैं जिससे आपका माइंड रिलैक्स हो और नींद अच्छी आए.