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• Fri, 19 Feb 2021 8:12 am IST


चमोली आपदा : खतरा अभी टला नहीं, बिगड़ रहा है पहाड़ का संतुलन..


चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद विशेषज्ञों ने सरकार को एक बार फिर जलवायु खतरों को लेकर चेतावनी दी है। हर कोई प्रकृति का रौद्ररूप देखकर सहमा हुआ है, साथ ही आपदा की वजह क्या है, ये भी हर शख्स जानना चाहता है।

दुनियाभर के वैज्ञानिक इस घटना पर अपना अध्ययन कर रहे हैं। आपदा को लेकर वैज्ञानिकों के पास अलग-अलग थ्योरी है, पर एक बात तो तय है कि अवैज्ञानिक तरीके से ढहाये जा रहे पहाड़ों के चलते उत्तराखंड में प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है।

इससे भूस्खलन की स्थिति पैदा हो रही है, भारी बाढ़ भी आ रही है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक त्रिभुवन सिंह पांगती भी चमोली आपदा के पीछे यही वजह मान रहे हैं।

उन्होंने उत्तराखंड में लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाओं पर गहरी चिंता भी जताई है और उन्होंने कहा की प्रदेश में सुनियोजित विकास के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जानी चाहिए, ताकि भविष्य में उत्तराखंड को चमोली आपदा जैसी घटनाओं को रोका जा सके।