कोरोना संक्रमण से जूझ रहे प्रदेश में हालात नाजुक बने हुए हैं। राज्य सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन पर्याप्त है, अस्पतालों में बेड की कमी नहीं है, लेकिन हकीकत ये है कि मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल रही है, न ही अस्पतालों में बेड।
वेंटिलेटर न मिलने से मरीज तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। हरिद्वार में भी वेंटिलेटर न मिलने से दो कोरोना संक्रमित अधिवक्ताओं की मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला अधिवक्ता भी शामिल है।
रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णानगर में रहने वाली महिला अधिवक्ता कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। शनिवार को उनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे चला गया था। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर की सलाह दी थी। परिजन उनके लिए वेंटिलेटर ढूंढ रहे थे। एक निजी अस्पताल से बात भी चल रही थी, लेकिन वहां बेड खाली नहीं था।