देहरादून। छावनी परिषद रानीखेत, अल्मोड़ा और नैनीताल का सिविल एरिया नगर निगम में शामिल हो सकता है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों कैंट बोर्ड के सीईओ से रिपोर्ट मांगी है। अगर ऐसा हुआ तो सिविलियन को काफी राहत मिलेगी। क्योंकि अभी तक कैंट एरिया में अंग्रेजों के समय मे बनाये गए नियम कानून ही चलता है। जिसके चलते खासकर निर्माण कार्य में आम जनता को परेशानी होती है। क्योंकि किसी भी कार्य को करने से पहले कैंट बोर्ड से अनुमति लेना अनिवार्य है। इधर, इन छेत्रों में विकास कार्य के लिए भी मंत्रालय से फंड नहीं के बराबर जारी हुए हैं। ऐसे में अब अनुमान लगाया जा रहा है कि कैंट बोर्ड छेत्र में रह रहे लोगों को नगर निगम छेत्र में शामिल किया जा सकता है। कैंट बोर्ड को समाप्त करने पर भी विचार चल रहा है। इससे पहले लखनऊ कैंट समेत कुछ अन्य कैंट के सिविलियन को नगर निगम में शामिल किया जा चुका है।