Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 21 Sep 2021 5:28 pm IST

अपराध

बेशकीमती धार्मिक संपत्तियां बन रही संतों की जान की दुश्मन , कई संतों की हुई हत्या


बेशकीमती धार्मिक संपत्तियां लगातार संतों की जान की दुश्मन बन रही हैं। हरिद्वार में विवादित संपत्तियों के कारण संतों की हत्या और रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाने का इतिहास काफी पुराना है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 25 साल में 25 से ज्यादा साधु-संन्यासी मोह-माया की गुणा-भाग के चलते मार दिए गए। अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने हरिद्वार के धार्मिक जगत में नई सिहरन पैदा कर दी है। हत्या की आशंकाओं के बीच यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में कई संत सुरक्षा की मांग करें।हरिद्वार में यूं तो संतों की कई हत्याएं चर्चाओं में रही हैं, लेकिन 14 अप्रैल 2012 को महानिर्वाणी अखाड़े के युवा संत सुधीर गिरि की हत्या ने सनसनी मचा दी थी। कार से बेलड़ा स्थित अपने आश्रम जाने के दौरान महंत सुधीर गिरि को गोलियों से भून दिया गया था। मामले का पर्दाफाश हुआ तो अखाड़े की संपत्ति खुर्द बुर्द करने को खतरनाक गठजोड़ सामने आया। कनखल में महंत योगानंद, भीष्मानंद, भूपतवाला में पीली कोठी वाले धर्मानंद की हत्या हो चुकी हैं। साल 2017 में ट्रेन से मुंबई जाने के दौरान रहस्मयी परिस्थितियों में बड़ा अखाड़ा के कोठारी महंत मोहनदास के गायब होने के पीछे भी संपत्ति को कारण माना जाता रहा है।वर्तमान में निर्मल विरक्त कुटिया, बद्री बावला धर्मशाला सहित कई धार्मिक संपत्तियों को लेकर विवाद चल रहे हैं। कुछ विवाद पुलिस के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का नाम हालांकि हरिद्वार में ऐसे किसी संपत्ति विवाद से नहीं जुड़ा है। अलबत्ता अचानक उनकी मौत की खबर पर संत समाज जिस तरह सीधे तौर पर हत्या का आरोप लगा रहा है, यदि यह सच है तो विवादित संपत्तियों से जुड़े संतों का परेशान होना वाजिब है।