अगले 60 दिनों में 15,900 के हमारे निफ्टी लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं है। इस हफ्ते फिर से निफ्टी 15000 से 14300 की रेंज में रहा। 15000 एक बड़ा मनोवैज्ञानिक अवरोध है, जबकि 14000 सबसे बड़ा मनोवैज्ञानिक सपोर्ट है। इस समय क्यों बेयर्स बाजार पर अटैक करने की कोशिश कर रहे हैं, हमें जरूर पता होना चाहिए.. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को लेकर बाजार काफी चिंतित है।
हर दूसरा विश्लेषक जमीनी हकीकत का जायजा लेने में व्यस्त है। उनका मानना है कि खपत बड़े पैमाने पर प्रभावित होगी। विशेष रूप से ऑटो, सीमेंट, स्टील, कपड़ा, बैंकिंग और एनबीएफसी जैसे क्षेत्रों में। बैंक और एनबीएफसी के लिए कर्ज लेने वालों की कमी की बात कही जा रही है। सीमेंट, स्टील और ऑटो सेक्टर के बारे में वे सोचते हैं कि डीलर डिलीवरी नहीं उठाएंगे और खुदरा खपत रुक जाएगी। उनका यह भी मानना है कि अगर राष्ट्रीय लॉकडाउन लगा, तो परिस्थितियां अत्यधिक खराब हो जाएंगी।
बाजार यह सब जानता है। पिछले 45 दिनों में बाजार 9 बार 15,000 के स्तर से गिरकर 14300 तक आ गया । यह सब सही है, फिर भी निम्न स्तर पर मजबूत खरीदारी आती है और निफ्टी 15,000 पर पहुंच जाता है। यहां तक कि यह निश्चित रूप से अगले सप्ताह भी होगा। यह हमें मार्च 2020 और अप्रैल 2020 की याद दिलाता है, जहां हमने निफ्टी को 7500 तक गिरते हुए देखा था और उसके बाद भारी अस्थिरता देखी गई थी।
विश्लेषकों की एक ही नस्ल हैरान थी व बाजार को शॉर्ट करने की कोशिश कर रही थी और आप सब जानते हैं कि क्या हुआ। इस बार भी दोषसिद्धि के मैथड़ को छोड़कर कुछ भी अलग नहीं है। यह कहा जा रहा कि है कि संक्रमण बड़े पैमाने पर है, क्योंकि यह प्रति दिन 2 लाख मामलों को पार कर गया है। ऑक्सीजन, बेड और महत्वपूर्ण इंजेक्शंस की कमी है। यह व्यापक तौर पर दर्शाता है कि लॉकडाउन के अतिरिक्त कोई ओर विकल्प नहीं है।