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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 7 Nov 2022 1:00 pm IST

नेशनल

ईडब्लूएस पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर, बेंच ने माना नहीं हो रहा अधिनियम का उल्लघंन


सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक बेंच ने संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी मुहर लगा दी है। मामले की सुनवाई करते हुए पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ ने EWS आरक्षण के पक्ष में 3-2 के अंतर से अपना फैसला सुनाया। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस जेबी पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सहमति जताई है। 

तीनों जजों का मानना है कि, यह आरक्षण संविधान का उल्लंघन नहीं करता है। वहीं सीजेआई जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने इस पर असहमति जाहिर की। बता दें कि, ईडब्ल्यूएस कोटे की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कई याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।