प्रदेश में इस समय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस प्रक्रिया में 2011 में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से राज्य के हजारों बेरोजगार अभ्यर्थी परेशान हैं। इसी के चलते तमाम अभ्यर्थियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से उनके ऊंचापुल स्थित आवास में मुलाकात की। वही गौर करने वाली बात यह है कि अभ्यर्थियों ने सात वर्ष वाले इस आदेश को हटाने की मांग की है जिसके चलते प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र भेजा है। उनका कहना है कि 2011 में टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को भी सहायक अध्यापक की भर्ती में सम्मिलित करवाने का कष्ट करें। दरअसल, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की शुरुआत 2011 में हो गई थी। उस समय हजारों युवाओं ने शिक्षक बनने के लिए टीईटी में सफलता हासिल की। तब एक बार टीईटी उत्तीर्ण करने पर सात वर्ष तक शिक्षक भर्ती में शामिल हुआ जा सकता था, लेकिन 13 अक्टूबर, 2020 के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने एक बार टीईटी उत्तीर्ण होने पर उसे हमेशा के लिए वैध करने की अनुमति दे दी