राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना ऊपर जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बनता जा रहा है. दिल्ली सरकार से लेकर पर्यावरण विशेषज्ञ भी प्रदूषण के इतने ऊंचे लेवल पर चिंता जाहिर कर चुके हैं, लेकिन नतीजा शून्य ही निकला. वहीं हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र से ब्रॉड लीफ यानी चौड़े पत्ते वाले करीब 5000 पौधों को दिल्ली भेजा जाएगा, जो प्रदूषण के स्तर को कम करने में सहायक होंगे.
गौर हो कि इन पौधों में पीपल, बरगद, पाकड़, ढाक, गूलर के पौधे शामिल हैं, जो बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं. देवभूमि उत्तराखंड में पाये जाने वाले चौड़े पत्ते वाले पौधे प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम करने में सक्षम हैं, ये पौधे पारिस्थितिकी तंत्र का एक बड़ा हिस्सा भी है. जैव विविधता से परिपूर्ण ये पौधे प्रदूषित दिल्ली के पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने में भी मददगार होंगे, हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में इन पौधों को विकसित किया गया है.