टिहरी : ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 के अंतर्गत रत्नोंगाड़ के पास सड़क के किनारे एक दुकान ऑलवेदर सड़क निर्माण चौड़ीकरण की भेंट चढ़ गयी है. दुकान का संचालन करने वाली महिला कोसा देवी और पति दिव्यांग हैं और रेस्टोरेंट चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. चारधाम यात्रा के दौरान इस दुकान पर खाना खाने और चाय पीने के लिए यात्रियों की भीड़ लगी रहती थी, जो इस परिवार की रोजी रोटी का एकमात्र साधन था. ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मलबे में पीड़ित परिवार की दुकान सड़क से नीचे की तरफ चली गई. जिससे इन्होंने दुकान बंद कर दी और एक साल से अपनी दुकान के मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. आरोप है कि शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उनकी गुहार नहीं सुन रहे हैं. पीड़ित महिला ने कहा है कि अगर जल्दी ही दुकान का मुआवजा नहीं दिया गया तो वो धरना-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे.पीड़ित महिला ने ऑल वेदर रोड के अधिकारियों व ठेकेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य प्रभावित लोगों को नुकसान का मुआवजा दे दिया गया है. लेकिन हमें आज तक दुकान का कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया. इस कारण उन्हें मजबूर होकर दुकान खाली करके दूसरों के घर में रहना पड़ रहा है. ऊंची पहुंच और जानकारी नहीं होने के कारण ऑल वेदर रोड में काम करने वाले अधिकारियों के द्वारा उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है. आज उनका परिवार ऑलवेदर सड़क निर्माण के कारण दयनीय स्थिति में आ गया है.