हरिद्वार । प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज की संदिग्ध मौत से पर्दा उठाने के लिए जांच कर रही एसआईटी के अधिकारियों के फोन हरिद्वार में भी लोगों पर आने लगे हैं जिससे उनके दिलों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि अखाड़े की जमीनें बेचने के नाम पर श्री महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कई व्यवसायियों से मोटी डील की थी जिसके चलते नरेंद्र गिरी महाराज हरिद्वार से करोड़ों रुपए एकत्र करके ले गए हैं अब ऐसे लोगों से पूछताछ की जानी है।
सूत्रों के अनुसार जगजीतपुर बहादराबाद और लक्सर रोड पर स्थित अखाड़े की करोड़ों रुपए की संपत्ति बेचने के एवज में प्रॉपर्टी डीलरों के अलग-अलग रूप से 50 करोड़ से भी ज्यादा की धनराशि अखाड़े के संतों और उनसे जुड़े लोगों के पास पहुंची हुई है।
लोग इस बात का इंतजार कर रहे थे कि महंत जी कब रहीस जमीन की लिखा पढ़ी करें और वह यहां अपना प्रोजेक्ट शुरू करें लेकिन इससे पहले ही महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की खबर आ गई अब मौत आत्महत्या है अथवा उनकी हत्या की गई है। इसका पर्दा उठाने के लिए पहले इलाहाबाद पुलिस ने एसआईटी का गठन किया जबकि मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ सीबीआई से जांच कराने की बात भी कह चुके हैं और सीबीआई की टीम ने प्रयागराज पहुंचकर जांच शुरू भी कर दी है ।सूत्रों ने बताया कि एक मीडिया कर्मी सहित हरिद्वार के चार लोगों का एसआईटी से जुड़े अधिकारियों के फोन आए हैं उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि की मौत वाले दिन ही श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज से फोन पर वार्ता की थी यह वार्ता के संदर्भ में हुई और क्या क्या वार्ता की गई इस बारे में एसआईटी की टीम लोगों से पूछताछ कर रही है एसआईटी के फोन आते ही लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ जाती हैं हालांकि संत समाज चाहता है कि सबसे पहले श्री महंत नरेंद्र गिरि की मौत का असली कारण तथा सामने आना चाहिए और अगर किसी ने साजिश करके उनकी हत्या की है तो उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि जैसा ठोस फैसले लेने वाला संत कभी आत्महत्या नहीं कर सकता इसकी निष्पक्ष जांच किया जाना बेहद जरूरी है।