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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 1 Feb 2023 3:07 pm IST

राजनीति

बजट को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा, जानें किसने क्या कहा…


लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को आम बजट 2023-24 संसद में पेश किया। इस पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है। बजट पेश होने के कुछ ही देर बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायवती सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने बीजेपी सरकार को घेरा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है। 
बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव के बयान का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद।
इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों? सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों  किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो। केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।
इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों की उपेक्षा का अरोप लगाते हुए बजट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं। शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2% से 1.98% करना हानिकारक है। दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला बर्ताव। दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया। उस में से मात्र 325 करोड़  रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये। ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है।
इसी क्रम में बजट की सरहाना करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि मैं आजादी के अमृत काल में प्रस्तुत 'विकसित भारत' के संकल्प को पूर्ण करते सर्वसमावेशी और लोक-कल्याणकारी केंद्रीय बजट 2023-24 का स्वागत करता हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन! वर्तमान केंद्रीय बजट गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और राष्ट्र के समग्र उत्थान की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। निःसंदेह, यह बजट भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।