देहरादून पुरानी पेंशन से वंचित सैकड़ों कार्मिकों व शिक्षकों की उम्मीदें अब मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर टिक गईं हैं। कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस मसले पर गौर कर रही है। इसमें कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत और सुबोध उनियाल शामिल हैं। दरअसल नियुक्ति पत्र मिलने के बावजूद एक अक्टूबरए 2005 तक कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले कार्मिक पुरानी पेंशन योजना से बाहर कर दिए गए हैं साथ ही नियुक्ति पाने वाले कई कार्मिक समय रहते कार्यभार ग्रहण करने की वजह से पुरानी पेंशन के पात्र हैं। कोटद्वार में 2005 में उपचुनाव आचार संहिता के चलते पौड़ी जिले में नियुक्त शिक्षकों के साथ ऐसा ही हुआ था। आचार संहिता की वजह से देर से कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक पुरानी पेंशन से हाथ धो बैठेए जबकि उसी नियुक्ति प्रक्रिया की वजह से अन्य जिलों में शिक्षकों को लाभ मिल गया। वहीं अन्य विभागों में भी इस तरह के मामले हैं।
उपसमिति के अध्यक्ष डा. हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले में उपसमिति की अगली बैठक में अंतिम मुहर लग जाएगी और इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्मिक या शिक्षक के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।