चंपावत। नवंबर बीत गया है। पूरे माह में चार पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद भी कुमाऊं में शीतकाल की खास गतिविधि देखने को नहीं मिली। कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़, बागेश्वर व गढ़वाल में चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो उत्तराखंड को वर्षा व हिमपात के लिए तरसना पड़ा है।26 नवंबर को सक्रिय हुआ ताजा पश्चिमी विक्षोभ एक दिसंबर तक कमजोर पड़ जाएगा। ऐसे में अगले पांच-सात दिन बाद नया विक्षोभ आने पर ही वर्षा व हिमपात की स्थिति बनेगी। पिछले 10 वर्षों में इस बार का नवंबर सबसे कम सर्द रहा है। इस बार नवंबर में एक बार भी तापमान सामान्य से नीचे नहीं पहुंचा।