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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 17 Aug 2022 5:18 pm IST


उत्तरकाशी में खेली जा रही है दूध-मक्खन की अनूठी होली


उत्तरकाशी : रंगों और फूलों से होली के बारे में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसी जगह भी है, जहां पर सदियों से दूध-मक्खन की अनूठी होली खेली जाती है। कोरोना महामारी के दो साल बाद दयारा बुग्याल में पारंपरिक एवं ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल (अंढूड़ी उत्सव) चल रहा है।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश वासियों की ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल की बधाई दी है। रविवार को दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने पारंपरिक उत्सव की तैयारियों पर चर्चा की गई थी। इस दौरान आगामी 16 और 17 अगस्त को महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया गया। समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर 28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीण सदियों से भाद्रप्रद महीने की संक्रांति को दूध, मक्खन, मट्ठा की होली खेलते आ रहे हैं। रविवार को रैथल में आयोजित बैठक में दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने इस वर्ष 17 अगस्त को पारंपरिक बटर फेस्टिवल के आयोजन का निर्णय लिया। कहा गया कि दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण बटर फेस्टिवल का आयोजन ग्रामीणों ने सूक्ष्म रूप से किया था।वर्तमान समय में बटर फेस्टिवल के नाम से मशहूर हो चुके इस आयोजन से उत्तरकाशी के साथ उत्तराखंड राज्य की लोक संस्कृति का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार हुआ है। दयारा बुग्याल के आधार शिविर रैथल गांव के निवासी पंकज कुशवाल ने बताया कि यह आयोजन प्रकृति का आभार जताने के लिए किया जाता है।