उत्तराखंड के नेशनल पार्कों में पर्यटकों को बाघ का दीदार कराने के दौरान शिकायतों को देखते हुए अब (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) एनटीसीए ने सख्ती बरतने का फैसला किया हैं। आपको बता दे, लगातार बढ़ रहे इन मामलों में अंकुश लगाने के लिए अब एनटीसीए जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए पर्यटकों की जिप्सी पर नजर रखने को दिशा निर्देश जारी करने का फैसला किया हैं । देश के 49 टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की जिप्सियां अब संबंधित पार्क प्रशासन की निगरानी में ही रहेगी। जीपीएस डिवाइस के जरिए जंगल में जिप्सियों को ट्रैक किया जाएगा। देश के टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पार्क में पर्यटकों को जिप्सी सफारी कराई जाती है। सफारी के दौरान जिप्सी चालक पर्यटकों को बाघ व हाथियों के नजदीक तक ले जाते हैं। यहां तक कि पर्यटकों की कई जिप्सियां एक ही जगह पर ही खड़ी हो जाती है। इससे बाघ व हाथियों की आवाजाही तो प्रभावित होती ही है साथ ही पर्यटकों पर उनके हमले का खतरा बना रहता है।