Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 1 Apr 2022 2:41 pm IST


अतिक्रमण हटाने के लिए डीएम ने रेलवे से मांगा एक्शन प्लान


जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने रेलवे के अधिकारियों से पूछा है कि हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे ने क्या एक्शन प्लान तैयार किया है। उन्होंने कहा रेलवे 11 अप्रैल तक जिला प्रशासन को एक्शन प्लान उपलब्ध कराए ताकि रेलवे को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस फोर्स के साथ साथ अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने का मामला पिछले कई वर्षों से सुर्खियों में है। अतिक्रमण हटाने को लेकर समय समय पर कई अभियान चलाए गए लेकिन प्रशासन और रेलवे को सफलता आज तक नहीं मिली है। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो न्यायालय ने बीती 23 मार्च को डीएम नैनीताल और रेलवे से रिपोर्ट मांगी कि अतिक्रमण हटाने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट में छह अप्रैल को सुनवाई होनी है। इससे पहले नौ नवंबर 2016 को हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की याचिका पर दस हफ्ते में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का भी आदेश दिया था ।इससे पहले कि हाईकोर्ट में मामले को लेकर अगली सुनवाई हो, बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने बैठक की। रेलवे के अधिकारियों ने डीएम गर्ब्याल को बताया कि रेलवे बाजार, गफूरबस्ती व इंद्रानगर और इससे लगे क्षेत्र में रेलवे की भूमि पर लगभग साढ़े चार हजार घर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमणकारियों को समय समय पर नोटिस भी दिए गए हैं। इस पर डीएम ने रेलवे के अधिकारियों को 11 अप्रैल तक अतिक्रमण हटाने के लिए विभागीय एक्शन प्लान उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने बताया कि रेलवे का एक्शन प्लान मिलने के बाद ही तय किया जाएगा कि अतिक्रमण तोड़ने के लिए कितनी फोर्स की जरूरत पड़ेगी और किस तरह से अतिक्रमण तोड़ा जाएगा। अतिक्रमण हटाने के लिए किन किन संसाधनों की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण तोड़ने से पहले रेलवे के साथ एक बार और बैठक कर पूरी प्लानिंग की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद क्षेत्र में मुनादी भी कराई जाएगी ताकि अतिक्रमणकारी खुद ही अपने आवास ध्वस्त कर लें। ऐसा न होने पर अभियान चलाया जाएगा।बैठक में एडीएम अशोक जोशी, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, रेलवे के एडीआरएम विवेक गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह, एसडीएम मनीष कुमार, एसपीसीटी हरवंश सिंह, भूपेंद्र सिंह धर्मसक्तू, केएन पांडे, एलआईयू की निरीक्षक शांति शर्मा के अलावा कई अधिकारी मौजूद थे।