इन दिनों गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. देश भीषण गर्मी से जूझ रहा है, हर बीतते दिन के साथ पारा चढ़ता जा रहा है, जिससे बाहर निकलना चुनौतीपूर्ण हो गया है और चिलचिलाती गर्मी के संपर्क में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. ऐसे में गर्मी से संबंधित बीमारियों, विशेष रूप से हीट स्ट्रोक, का खतरा मंडराता रहता है.हाल ही में आईपीएल के दौरान अपनी टीम केकेआर के मैच में भाग लेने के बाद अहमदाबाद में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को हीट स्ट्रोक की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल जाना पड़ा था. ऐसे में हमें इसे लेकर सतर्क हो जाना चाहिए.
हीट स्ट्रोक क्या है? - हीट स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है. ये समस्या तब होती है जब शरीर का Temperature Regulation System अत्यधिक गर्मी का सामना करने में विफल हो जाता है, जिससे शरीर के मुख्य तापमान में खतरनाक वृद्धि होती है.
सरल भाषा में कहें तो जब शरीर अब अपने तापमान को नियंत्रित नहीं पाता है तो ये समस्या होने लगती है. ऐसे में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और पसीना तंत्र विफल हो जाता है, ऐसे में शरीर ठंडा होने में असमर्थ हो जाता है. हीट स्ट्रोक के दौरान शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के भीतर 106°F या इससे अधिक तक बढ़ सकता है. भारत में, जहां गर्मी के महीनों के दौरान तापमान अक्सर असहनीय स्तर तक बढ़ जाता है, लू का खतरा विशेष रूप से अधिक होता है. हालांकि, तत्काल प्राथमिक चिकित्सा उपायों के बारे में पता होने से आप इससे बच सकते हैं.
हीटस्ट्रोक के लक्षणों : -104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या इससे अधिक का बुखार
-मानसिक स्थिति या व्यवहार में परिवर्तन, जैसे भ्रम
-गर्म और ड्राय स्किन या ज्यादा पसीना
-नौसिशा और उल्टी फील करना
-फ्लश्ड स्किन
-तेज पल्स
-तेजी से सांस लेना
-सिरदर्द
-बेहोशी
-कोमा
हीटस्ट्रोक से बचने के लिए करें ये उपाय-
-हीटस्ट्रोक से ग्रसित व्यक्ति को ठंडे पानी के टब या ठंडे शॉवर में रखें
-व्यक्ति को लिटाएं और पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं
-छायादार जगहों पर आराम पर बैठ जाएं
-व्यक्ति को ठंडी हवा दें
-व्यक्ति पर गार्डेन होश से स्प्रे करें
-ठंडे पानी का छिड़काव करते हुए व्यक्ति को पंखा करें
-गर्दन, बगल और कमर पर आइस पैक या ठंडे, गीले तौलिये रखें
-व्यक्ति को ठंडी, नम चादर से ढकें
-यदि व्यक्ति होश में है, तो उसे ठंडा पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त स्पोर्ट्स ड्रिंक या कैफीन वाली ड्रिंक्स न पिएं
-यदि व्यक्ति होश खो देता है और सांस लेना, खांसने या हिलने-डुलने जैसी कोई गतिविधि नहीं दिख रही है तो व्यक्ति तो CPR देना शुरू कर दें