इस वर्ष जरूरत से ज्यादा बारिश होने के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मोरी विकास खण्ड में किसानों की नकदी फसलें खराब हो चुकी है और पैदावार भी घटी है। यहां राजमा, धान, चौऊलाउ, आलू की खेती खूब होती है, लेकिन बारिश की मार से यमुनाघाटी के काश्तकारों की आजीविका संकट में है।
अंतरराष्ट्रीय मंडियों में धूम मचाने वाली पहाड़ी राजमा, चौलाई, आलू आदि की फसलें पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम हुई है। इस मुख्य कारण किसान जरूरत से ज्यादा बारिश होना मान रहे हैं। इन दिनों ग्रामीण खेतों में पहुंचकर अपनी नकदी फसलों को काट रहे हैं। मोरी के गोविन्द वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र के लिवाडी, फिताडी,जखोल,औसला, गंगाड, ढाटमीर, मसरी, दौणी, पासा, पैसर, देवरा, गयचवाण गांव सहित बंगाण क्षेत्र के चिला, माऊडा, कलीच, राउणा आदि गांव के ग्रामीण नकदी फसलों पर निर्भर है