DevBhoomi Insider Desk • Mon, 25 Oct 2021 8:30 pm IST
ट्रैकिंग दलों की निगरानी न होने से खड़ी हो रही मुश्किलें
उत्तराखंड में आई आपदा में दर्जनभर ट्रैकर की मौत के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में ट्रैकिंग को लेकर चिंता के बादल मंडराने लगे हैं। ट्रैकिंग के लिए तय व्यवस्था होने के बावजूद इस तरह की घटनाओं का सामने आना सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर रहा है। समग्र रूप से देखें तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मशीनरी से लेकर ट्रैकिंग दलों तक की बेपरवाही है। ट्रैकिंग के लिए अनुमति मिलने के बाद वन विभाग, पर्यटन व स्थानीय प्रशासन के साथ ही टूर आपरेटर की व्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन इनमें हर स्तर पर समन्वय का अभाव जोखिम का सबब बन रहा है। आलम ये है कि सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति जारी होने पर भी जिलों तक यह सूचना नहीं पहुंच पा रही कि किसे अनुमति दी गई है और ट्रैकिंग दल में शामिल सदस्य कौन-कौन हैं। ये हाल तब है जबकि, उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से सटी हैं। आश्चर्यजनक यह कि उत्तराखंड ट्रैकिंग एवं हाइकिंग नियमावली भी अभी तक आकार नहीं ले पाई है।