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• Wed, 22 May 2024 5:15 pm IST


कपकोट के तिमिलाबगड़ में हुआ नेक्टेरिन का सफल उत्पादन, किसानों के लिए खुली नई राह


बागेश्वर। खेती और बागवानी अब व्यावसायिक रूप लेती जा रही है। आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज और पौधों की मदद से काश्तकार आमदनी को बेहतर कर रहे हैं। कपकोट के कई गांव कीवी, सेब, स्ट्राबेरी, मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में पहचान बना रहे हैं। तहसील क्षेत्र के तिमिलाबगड़ गांव के किसानों ने नेक्टेरिन के सफल उत्पादन से किसानों के लिए नई राह खोल दी है।नेक्टेरिन का पौधा तीन साल में फल देने लगता है। तिमिलाबगड़ गांव में नाबार्ड के वित्तीय सहयोग और संजीवनी संस्था के संचालन में 162 किसानों ने नेक्टेरिन के 1500 पौधे लगाए थे। तीन साल की देखरेख के बाद इस साल किसानों की मेहनत रंग लाई है। नेक्टेरिन के पौधे इन दिनों रंग-बिरंगे फलों से लकदक हैं। संस्था के परियोजना समन्वयक संतोष कुमार जोशी और सुपरवाइजर विनोद सिंह घुघुत्याल ने बताया कि किसानों को समय-समय पर जरूरी जानकारी दी जाती है। तिमिलाबगड़ में पैदा हुए फलों की गुणवत्ता अच्छी है। संस्था अब क्षेत्र के अन्य गांवों में किसानों को नेक्टेरिन उत्पादन के लिए जागरूक करेगी।