चारधाम यात्रा के लिए समय कम, चुनौतियां कई ज्यादा हैं। उत्तराखंड में कोराना के मामले अब कम आ रहे हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह कि लंबे समय बाद शुरू हो रही चारधाम यात्रा के उत्साह के बीच सर्तकता भी कम न हो।
जनस्वास्थ्य व पर्यावरण जैसे मुद्दों पर काम करने वाली संस्था सोशल डेवलमेंट फार कम्युनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन के संस्थापक व स्वास्थ्य मामलों के जानकार अनूप नौटियाल कहते हैं सभी को याद रखना होगा कि कोरोना के नए मामले आने अभी बंद नहीं हुए हैं। पिछले 45 दिन में राज्य में हर दिन नए मामलों की संख्या 20 से 50 के बीच रही है। नए मामलों की निरंतरता बताती है कि खतरा अभी टला नहीं है। लिहाजा चारधाम यात्रा के दौरान अधिक सतर्कता बरते जाने की जरूरत है।
प्रदेश में कम संख्या में हो रही जांच को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कर ही कोरोना की सही जानकारी सामने आ सकती है। सरकार ने कुछ माह पहले रोजाना 40 हजार जांच करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पिछले 45 दिनों में हर रोज 16 से 20 हजार जांच हो पा रहे हैं। यानी कि पूर्व में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में पचास फीसद कम जांच वर्तमान में हो रही है।