टिहरी-चंद्रबदनी-कांडीखाल मोटर मार्ग की मांग 22 साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है, जिससे सड़क की राह ताक रहे कई गांव के लोगों को और सिद्धपीठ मां चंद्रबदनी के मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को पैदल नापना पड़ रहा है। चंद्रबदनी से कांडीखाल तक 10 किमी सड़क निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है। लोनिवि ने कांडीखाल से सिलोड़ तक पांच किमी सड़क तो बना दी, लेकिन उससे आगे चंद्रबदनी तक पांच किमी में आरक्षित वन क्षेत्र होने के कारण सड़क अधर में लटकी हुई है। जुराना के कुंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि 1999 में सड़क का प्रस्ताव दिया गया था। उसके बाद लगातार पत्राचार करने पर विभाग ने कांडीखाल से सिलोड़ तक पांच किमी सड़क बना दी, लेकिन उससे आगे चंद्रबदनी मंदिर को जोड़ने के लिए जुराना तक पांच किमी पर वन भूमि होने के कारण सड़क निर्माण अधर में लटका हुआ है। सड़क बनने से पठोई गांव, सिलोड़, कंडियालगांव, झौड़ियाण गांव, लवोई गांव गेंवली और जुराना आदि गांव के लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि कांडीखाल क्षेत्र से सिद्धपीठ मां चंद्रबदनी के दर्शन के लिए पैदल ही पहुंचना पड़ता है, जिससे कम लोग ही मंदिर जा पाते हैं। यह सड़क बनती है, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन को पहुंच सकते हैं। सीएम ने भी सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो पाया है।