ग्राम जलागम समिति के सहयोग में भौंसारी गदेरे के पुनर्जीवन कार्यक्रम को लेकर चोपडा क्षेत्र के चार गांवों में एक हजार बांझ के पौधों का रोपण किया गया। ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही जल संरक्षण पर कार्य किया जा सके। इससे पहले इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जा चुका है।
भौंसारी वाटरशेड फाउंडेशन के निदेशक सतेंद्र सिंह भण्डारी के नेतृत्व में क्षेत्रीय महिलाओं ने दूसरे चरण के तहत कोठगी में 400 बांझ के पौधों का रोपण किया गया। इसके अलावा आगर में 200, क्वीली में 300 एवं मदोला में 100 पौधों का रोपण किया गया। क्षेत्र के आठ गांवों की करीब 70 महिलाएं इस कार्य में जुटी है। फाउंडेशन के निदेशक भंडारी ने कहा कि एक सदी पहले तक इस इलाके के दो दर्जन गांवों को पेयजल की आपूर्ति करने वाले भौंसारी गदेरे के पुनर्जीवन का जो कार्य तत्कालीन डीएम मंगेश घिल्डियाल ने शुरू किया था। उसे आगे बढ़ाने का कार्य भौंसारी वाटरशेड फाउंडेशन कर रहा है। रेल विकास निगम के तहत एक हजार बांझ के पौधों की खरीद की गई। जलागम समितियों ने सभी ग्रामीणों की सहभागिता से इस कार्यक्रम को सफल बनाया जा रहा है।