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• Thu, 4 Apr 2024 5:02 pm IST


गृहस्थ आश्रम सबसे बड़ा आश्रम: देशमुख


नई टिहरी से बौराड़ी तक जल कलश यात्रा निकालते के साथ ही गायत्री शक्तिपीठ की पहल पर आयोजित चार दिवसीय गायत्री यज्ञ और प्रज्ञा पुराण कथा का यहां शानदार शुभारंभ हो गया। महिलाओं और गायत्री परिवार से जुड़े लोगों ने कहा कि युग परिवर्तन और सनातन को मजबूत करने के लिए अखिल भारतीय गायत्री परिवार दिन रात कार्य कर रहा है।
बौराड़ी में आयोजित गायत्री यज्ञ और प्रज्ञा पुराण में शांतिकुंज के राष्ट्रीय जोनल कार्यालय के ओमेश्वर देशमुख ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युग-ऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित पावन प्रज्ञा पुराण कथा 18 पुराणों का सार है। कथा व्यक्ति की व्यथा को हर लेती है, साथ ही लोक रंजन से लोक मंगल का सर्व सुलभ साधन भी कथा ही है। प्रज्ञा पुराण पांच खंडों में है। परिवार, खंड की कथा सुनाते हुए देशमुख ने कहा कि गृहस्थ आश्रम सबसे बड़ा आश्रम है। जिसमें संयम सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है। ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ और संन्यास गृहस्थाश्रम पर ही निर्भर हैं। भारत की परिवार व्यवस्था महान है, जिसमें माता-पिता और बुजुर्गों को भगवान माना जाता है। पति-पत्नी एक पक्षी के दो पंखें की तरह है। नर के पास दृष्टि है तो नारी के पास दिव्य दृष्टि है। माता पिता के चरणों में स्वर्ग है। पहले संयुक्त परिवार में दादा-दादी नाना-नानी की गोद में खेलकर महापुरुष बन जाते थे। स्थानीय ट्रस्टी डॉ. वीएन जोशी, बीपी बधानी और केबी पेटवाल ने बताया कि कथा के साथ-साथ यहां विभिन्न संस्कार भी संपादित किए जाएंगे। उन्होंने लोगों से कथा श्रवण के साथ ही परिजनों के संस्कार कराने की अपील की। इस मौके पर मंडल प्रभारी दिनेश मैखुरी, नरोत्तम जखमोला, सुषमा उनियाल, सुनीता देवी, उर्मिला राणा, अनिता कंडियाल, हर्षिला उनियाल, लक्ष्मी देवी, रेखा पंवार, राजेश्वरी देवी, एमएल सेमल्टी, अनुसूया नौटियाल, सुशील बिष्ट, भगवती भद्री, अभाविप के प्रवीन असवाल, अंकित सजवाण, विमला चौहान आदि मौजूद रहे।