दुनिया भर में फैला प्लास्टिक अब एक नए खतरे को दस्तक दे रहा है । बता दे, कि अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चों के शरीर में प्लास्टिक के कणों की मात्रा 15 गुना अधिक होती है। बच्चों के शरीर में प्लास्टिक की इतनी अधिक मात्रा उनके भविष्य के साथ स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।प्रमुख शोधकर्ता प्रो. कुरुंथाचालाम कन्नान का कहना है कि वातावरण में पांच मिमी से कम आकार के प्लास्टिक के सूक्ष्म कण वातावरण में तेजी से बढ़ रहे हैं। घरों में भी प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल बढ़ रहा है जिससे प्लास्टिक के सूक्ष्म कण वयस्कों की तुलना में बच्चों के शरीर में तेजी से बढ़ रहे हैं।