मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद राज्य में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसके तहत सरकार जनता के द्वार, अनुशासित प्रदेश और भय मुक्त समाज जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन कार्यक्रमों की रूपरेखा साल में कई बार बन चुकी है. कई बार सीएम अधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों को जनपदों में रात्रि विश्राम और जनता दरबार लगाने के लिए कह चुके हैं. लेकिन लगता है सीएम की बात का असर किसी पर नहीं पड़ रहा. यही कारण है कि मुख्यमंत्री को तीसरी बार ये आदेश देने पड़ रहे हैं. दरअसल, आम जनता की समस्याओं का निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही हो और सरकार जनता के द्वार पहुंचकर केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार की योजनाओं को भी जनता तक पहुंचाए. इसी उद्देश्य के साथ भाजपा आलाकमान ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ धामी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को जिलों में प्रवास कर चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर जनता की समस्याओं का निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए थे. जिस पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो अमल कर रहे हैं, लेकिन लगता है कि ना तो धामी सरकार के मंत्रियों को भाजपा हाईकमान के निर्देशों की फिक्र है और ना ही आम जनता की समस्याओं के समाधान से कैबिनेट के मंत्रियों का कोई लेना देना है.