Read in App


• Mon, 19 Jul 2021 7:18 pm IST


राज्य में भू संरक्षण कानून लागू करना जरूरी... मिश्रा


हरिद्वार। महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष अंजू मिश्रा ने प्रदेश में भू संरक्षण कानून को अति शीघ्र लागू करने की मांग की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बाहर के लोगों की जमीन खरीदने की कतार सी लग गई है। अगर हम भी नहीं चेते तो वो दिन दूर नहीं कि हमारे लिये भोजन के भी लाले पड़ सकते हैं। जिस हिसाब से कृषि भूमि कम होती जा रही है। बाहर के लोग यहां पर आ आ कर जमीन खरीद रहे हैं सस्ते दामों पर और अपने फायदे के लिए। उन्होंने कहा कि जैसा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक  ने कहा कि हम जनमानस के हितों को ध्यान में रख कर फैसला लेंगे। लेकिन क्या कांवड यात्रा रद्द करने का फैसला हमने जनमानस का ध्यान में रखते हुए लिया है। हमें ध्यान मे रखना होगा कि उत्तराखंड हिमालयी राज्य हैं। आज पहाड़ों का दरकने का मुख्य कारण यही है कि हमारे जंगल खत्म हो रहे हैं। कृषि भूमि खत्म हो रही है। लोग अपने फायदे के लिए बङे बङे होटल, अपार्टमेंट्स बना रहे हैं।
जबकि और हिमालयी राज्य में (हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, सिक्किम आदि में भू कानून अस्तित्व में है। जिस कारण उत्तर हिमालयी राज्यों में बेरोक-टोक बिक्री पर रोक है। सन् दो हजार में उत्तराखंड में कृषि भूमि 5 लाख 17 हजार 628 हेक्टेयर भूमि थी पहाड़ी इलाकों में लेकिन 2017, 18 में 4लाख 92 हजार 643 हेक्टेयर भूमि कम हुई है। यह बहुत ही सोचनीय विषय है। और पहाङों पर मनुष्य रहने लायक सुविधा न होने की वजह से वहाँ के लोग वहां से पलायन कर रहे हैं। जिस वजह से 7हजार 704 भूमि बंजर हो गई है। इतने सालों में 97 हजार कृषि हेक्टेयर क्षेत्रफल घटा है। अगर जल्द से जल्द भू कानून लागू नहीं किया जाता तो आने वाली पीढ़ी के पास केवल उत्तराखंड का नाम ही रह जायेगा। जिस तरह से बाहर के लोग द्वारा पहाङों की जमीन खरीदी जा रही है अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में उत्तराखंड का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। और उत्तराखंड मे पहाड़ी इलाकों में बाहरी हस्तक्षेप से यहां कि संस्कृति को खतरा पैदा हो गया है। इसी कारण से यहां पर सख्त भू कानून की आवश्यकता है।