हरिद्वार । हर वर्ष की तरह इस बार भी देव उत्थान सेवा समिति नई दिल्ली की ओर से अलग-अलग श्मशान घाट से एकत्र की गई 9216 लावारिस लोगों की अस्थियाँ एक साथ गंगा में प्रवाहित की गई। सामाजिक श्री संगठन देवोत्थान सेवा समिति से जुड़े लोगो ने इन अस्थियो का विसर्जन किया है।
यह संस्था 19 सालो से लगातार देशभर इकठ्ठा करके लाखों लावारिस अस्थियो को गंगा में प्रवाहित कर चुकी है। लेकिन इस बार खास बात ये है कि इन अस्थियों में ज्यादातर अस्थियाँ उन लोगो की थी जिनकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई और डर से उनके परिजन शमशान घाट में ही अस्थियों को लावारिस छोड़ गए। श्री देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न शमशान घाटों से अस्थियां उठाकर वो हरिद्वार लाये और पुरे विधि विधान के साथ सती घाट पर गंगा में प्रवाहित किया है। साल 2003 में उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी और अब तक वो लगभग 15100 लोगो की लावारिस अस्थियों को गँगा में प्रवाहित कर उन्हें मोक्ष दिला चुके है। इस संस्था के साथ कई छात्र भी जुड़े हुए हैं जो दिल्ली के अलग-अलग श्मशान घाटों से अस्थियों को एकत्रित करने का काम करते हैं।