कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद संगठन में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है। अब कई अन्य बड़े नेता सख्त फैसला लेने को तैयार नजर आ रहे हैं।
दरअसल, इस्तीफा देने के बाद पार्टी के कुछ पुराने और कद्दावर नेताओं ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात को महज सामान्य मुलाकात बताया जा रहा है। कहकर राजनैतिक हवाओं की तपिश को कम करने की कोशिश तो की जा रही है। लेकिन इशारा साफ है कि, खिचड़ी जरुर पक रही है। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद में सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही तकरीबन 60 से ज्यादा कांग्रेसियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
खास बात यह है कि इस्तीफा देने वालों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री समेत कई बडे गैर मुस्लिम नेता भी शामिल है। कांग्रेस से ही जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि गुलाम नबी आजाद ने जिस तरीके की चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है उसी तरीके का आक्रोश पार्टी के कई नेताओं में है।
दरअसल गुलाम नबी आजाद से जुड़े एक वरिष्ठ नेता एसएन शर्मा का कहना है कि, आजाद अपनी पार्टी को सिर्फ जम्मू कश्मीर तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं। आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा के चुनाव और लोकसभा के चुनावों के मद्देनजर देश के अलग-अलग राज्यों में अपना विस्तार करना चाहते हैं। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे में गुलाम नबी आजाद के पास सिर्फ जम्मू कश्मीर के नेताओं को लेकर के ही चलने का रास्ता नहीं खुला है बल्कि देश के अन्य अलग-अलग राज्यों के बड़े नेताओं या कांग्रेस के नाराज नेताओं को साथ लेकर चलने का भी रास्ता खुला हुआ है।