हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव खुशबुरा की रहने वाली पुष्पलता ने पास के गांव के स्कूल से पढ़ाई की क्योंकि उनके अपने गांव में स्कूल नहीं था। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह अपने अंकल के घर पर रहीं। साल 2006 में बीएससी कंप्लीट करने के बाद उन्होंने मास्टर डिग्री और एमबीए किया। पुष्पलता कहती हैं, 'मैंने दो साल तक प्राइवेट सेक्टर में काम किया और इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में भी नौकरी की लेकिन ऐसा लग रहा था कि इस काम में आगे बढ़ने के विकल्प बेहद कम हैं, और मैं कुछ बड़ा करना चाहती थी।' ऐसे में पुष्पलता ने साल 2017 में कड़ी मेहनत की और यूपीएससी परीक्षा में आल इंडिया 80 वीं रैंक हासिल की।
पुष्पलता बताती हैं कि यूपीएससी के तैयारी के दौरान उनके एक बेटा था। ऐसे में बेटे को स्कूल के लिए तैयार करने का समय होने से पहले वह सुबह कुछ घंटे पढ़ती थीं और जब वह स्कूल चला जाता था तो कुछ घंटे और पढ़ती थीं। जब वह स्कूल से लौटता तो गर्वित के पास जातीं और फिर शाम को पढ़ाई शुरू करतीं थीं।
पुष्पलता के पति एक डॉक्टर हैं, वह ही उन्हें मोटिवेट करते थे। पुष्पलता कहती हैं, उनके पति ने हमेशा उनका सपोर्ट किया और परीक्षा की तैयारी के दौरान आने वाले हर चेलेंज के लिए मोटिवेट किया। यह वास्तव में एक चुनौती था क्योंकि जब मैंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी, उससे पहले करीब पांच साल तक मैंने किताब को हाथ तक नहीं लगाया था।' जब पुष्पलता ने अपनी आइएएस बनने की जर्नी शुरू की थी तब उनका बेटा गर्वित दो साल का था। वे कहती हैं कि उनका बेटा भी बहुत समझदार है, एक किस्सा सुनाते हुए वह कहती हैं, 'एक समय था जब मैं पढ़ती थी तो वह बस आकर मेरी गोद में बैठ जाते थे, वास्तव में, वह मुझे पढ़ाई जारी रखने के लिए कहता था और इसलिए नहीं रुकती थी क्योंकि वह वहां था।' पुष्पलता बताती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान जब वह मसूरी में थीं, उस वक्त उन्हें कई बार गर्वित और पति की याद आती थीं। वह कहती हैं,'यह विशेष रूप से कठिन होता है जब दूसरे ट्रेनी से उनके बच्चे मिलने आते हैं' मैं उनके साथ फिर से रहने से पहले दिन गिनती रहती थी।'