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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 17 Oct 2022 7:00 am IST


इस वर्ष दिवाली के अगले दिन नहीं की जाएगी गोवर्धन पूजा, जानें इसके पीछे क्या है कारण


प्रतिवर्ष दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। बता दें कि गोवर्धन पूजा इस वर्ष 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस साल दिवाली  पर्व 24 अक्टूबर को है लेकिन अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जिसके कारण गोवर्धन पूजा पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। किवदंतियों के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के अहंकार को चकनाचूर कर ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाया था। इसी उपलक्ष्य में आज भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं इस साल गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा तिथि- 26 अक्टूबर, बुधवार। 
गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त - 26 अक्टूबर सुबह 06:29 से सुबह 08:43 तक। 
पूजा अवधि- 02 घण्टे 14 मिनट। 
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 25 अक्टूबर शाम 04:18 बजे से। 
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर दोपहर 02:42 बजे। 

गोवर्धन पूजा नियम और पूजा विधि 
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर का इस्तेमाल कर गोवर्धन देवता को बनाया जाता है और उन्हें फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान गोवर्धन देवता को नैवेद्य, दीप, फूल, फल और दीप अर्पित किए जाते हैं। बता दें कि गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में बनाया जाता है और उनकी नाभि की जगह मिट्टी का दिया रखा जाता है। इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद और बताशे अर्पित किया जाते हैं और प्रसाद के रूप में इन्हें बांटा जाता है। पूजा के बाद इनकी सात बार परिक्रमा की जाती है। इस दौरान लोटे से जल गिराते हुए जौ बोते हुए परिक्रमा करने का विधान है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है।

होता है अन्नकूट का भी आयोजन 
शास्त्रों में बताया गया है कि गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का आयोजन अनिवार्य है। अन्नकूट का अर्थ होता है अन्न का मिश्रण। इस मिश्रण को भगवान श्री कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है और पूजा के बाद इन सभी चीजों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।