मेला अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद एमआरआई यूनिट शुरू होने से निजी अस्पतालों में भी दाम कम कर दिए गए हैं। स्थिति यह है कि निजी अस्पतालों में सरकारी से भी एमआरआई का कम चार्ज हो गया है। पहले निजी अस्पतालों में मनमाफिक जांच के दाम वसूले जा रहे थे।
महाकुंभ को देखते हुए सरकार की ओर से श्रद्घालुओं और मरीजों को एमआरआई की सुविधा का लाभ देने के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया था। बजट जारी होने के बाद कुंभ मेले के दौरान तो एमआरआई यूनिट को मेला अस्पताल में संचालन शुुरू नहीं हो सका था। पर अब उसे तैयार करके मार्च में शुरू कर दिया गया था। सरकार की ओर से सरकारी जांच का जो शुल्क रखा गया है। वह निजी अस्पतालों पर भारी पड़ा है। दरअसल, पहले निजी अस्पतालों में सात से आठ हजार रुपये एमआरआई कराने का शुल्क लिया जा रहा था। जनपद के किसी भी सरकारी अस्पताल में एमआरआई की सुविधा का लाभ नहीं होने से निजी अस्पताल संचालक मनमाने शुल्क ले रहे थे। पर मेला अस्पताल में 5125 रुपये शुल्क तय कर किए गए हैं। जबकि बीपीएल और अंत्योदय राशन कार्ड धारक के परिवारों के मरीजों की फ्री में एमआरआई की जाती है। जिससे सरकारी एमआरआई शुरू होने से निजी अस्पतालों ने भी दाम घटा दिए गए हैं। उनकी ओर से प्रतिस्पर्धा करते हुए सरकारी एमआरआई से भी कम दाम करते हुए पांच हजार शुल्क कर दिया गया है। मेला अस्पताल के सीएमएस डा. राजेश गुप्ता का कहना है कि सरकार की ओर से जो व्यवस्था की गई है। उसी के अनुसार शुल्क लेकर व्यवस्था दी जा रही है। इससे मरीजों को लाभ हो रहा है।