किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर पूजानंद सरस्वती और साध्वी हिमानीनंद सरस्वती ने महाशिवरात्रि पर ब्रह्मलीन महंत परमानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी श्रीमहंत हिमानंद सरस्वती से संन्यास दीक्षा ग्रहण की।
श्रीमहंत हिमानंद सरस्वती ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है। महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान कर राष्ट्र की एकता एवं अखंडता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। महामंडलेश्वर पूजानंद सरस्वती एवं साध्वी हिमानीनंद सरस्वती ने कहा कि वह संतों की कसौटी पर खरे उतरेंगे। अपना संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित करेंगे। गंगा तट से सेवा प्रकल्प चलाकर गरीब असहाय व निर्धन परिवारों की मदद के लिए भी प्रयासरत रहेंगे। इस दौरान पंडित ज्ञानेंद्र मिश्रा, स्वामी अवधेशानंद सरस्वती, स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, स्वामी मेघानंद सरस्वती आदि उपस्थित रहे।