पिछले साल नवंबर की ही बात है .. नई टिहरी के निवासियों के हिस्से भारत का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी पुल अनमोल तोहफे के रूप में आया था। मगर 9 महीने के भीतर ही पुल की सच्चाई सबके सामने आ गई है। उद्घाटन को साल भर भी नहीं हुआ है और डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने लगी हैं। ऐसे में निर्माणदाई गुप्ता कंपनी सवालों के घेरे में आ चुकी है और स्थानीय लोगों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। और करे भी क्यों न। यह टिहरी की जनता की उम्मीदों का पुल है। 15 साल से इस पुल के निर्माण को लेकर टिहरी की जनता ने लंबी लड़ाई लड़ी है। 15 साल के बाद इस पुल ने आकार लिया है। यह पुल टिहरी की जनता का संघर्ष है। बीते 8 नवंबर को उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था उस समय भी इस बीच पर दरार पड़ी थी जिसको कंपनी ने उसी समय ठीक करवा दिया था मगर एक बार फिर से मास्टिक में दरारें पड़ गई हैं जिसके बाद निर्माणदाई गुप्ता कंपनी की सच्चाई सबके सामने आ गई है और उसकी घटिया कार्यप्रणाली की असलियत से भी पर्दा फाश हो चुका है।