उत्तराखंड में मुआवजे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। ऐसे में लोगों की टेंशन भी बढ़ गई है। सरकार के फैसले के बाद अब लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वह अपने नुकसान की भरपाई कैसे करें। ऐसे में अब आपदा पीड़ितों को रातों को नींद भी नहीं आ रही हैं। सनैनीताल जिले के 20 हजार से अधिक किसानों को फिर बड़ा झटका लगा है। मार्च में बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार इस बार भी नहीं देगी। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार किसानों की गेहूं, मसूर, चना, लाई और सरसों की फसलों को केवल 15 से 20 प्रतिशत ही नुकसान हुआ है।
नियमानुसार नुकसान 33 फीसदी से अधिक होने पर ही मुआवजा दिया जाता है। इसलिए इस बार भी किसानों को नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाएगा। इससे पहले अक्तूबर में हुई बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा भी सरकार ने नहीं दिया था। उस समय क्षेत्रीय विधायकों ने दोबारा सर्वे करवाते हुए मुआवजा वितरण की बात कही थी।पर न तो दोबरा सर्वे हुआ और न मुआवजा ही किसानों को मिल पाया। ऐसे में इस बार भी किसानों को बड़ा झटका लगा है। इससे इलाके के किसानों में काफी नाराजगी है। अभी कुछ इलाकों से फाइनल सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रशासन तक पूरी रिपोर्ट पहुंचने में कुछ दिन लगेंगे।