हल्द्वानी : रिटायर्ड दारोगा किशन राम चन्याल और उनकी पत्नी रेवती की मौत से स्वजन ही नहीं पूरा मोहल्ला सदमे में है। अंगीठी की तपिश में नींद गहरी आने से दोनों की सांसें कब थमीं, उन्हें पता ही नहीं चला। लापरवाही यह रही कि रोजाना की तरह दंपती अंगीठी को कमरे से बाहर रखना भूल गए थे। बता दें, मृतक किशन राम रविवार की शाम वह मकान का काम देखकर घर लौटे थे। इसके बाद स्वजनों के साथ बाहर से अंगीठी में आग जलाकर हाथ सेंका। फिर खाना खाने से पहले उन्होंने अंगीठी अपने कमरे के अंदर रख लिया, जिससे सोने से पहले कमरे में गर्माहट हो सके। रोजाना वह अंगीठी को सोने से पहले बाहर रख देते थे, मगर रविवार को थकान अधिक होने पर वह उसे बाहर रखना भूल गए। इसी बीच पति-पत्नी की आंखें लग गईं। कमरे के दरवाजे व सभी खिड़कियां बंद होने से कमरे के अंदर गैस भर गई। गहरी नींद में होने पर पति-पत्नी को पता ही नहीं चला। सोते-सोते उनकी मौत हो गई।