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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 1 Jul 2023 8:30 am IST


एक किलो चावल पी जाता ढाई हजार लीटर पानी, एक्सपर्ट ने उत्तराखंड में फसल पर बैन लगाना क्यों बताया खतरनाक?


पढ़ने में अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है कि एक किलोग्राम चावल तैयार करने के लिए करीब ढाई हजार लीटर से ज्यादा पानी की जरूरत है। नैनीताल जिले में तैयार होने वाला चावल, हल्द्वानी शहर की आबादी से चार गुना से भी ज्यादा पानी पी जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एक किलो चावल के उत्पादन पर 2,500 से 2,700 लीटर तक पानी की खपत आती है। जिले में हर साल 35 हजार से 37 हजार मीट्रिक टन तक चावल का उत्पादन होता है। ऐसे में चावल के उत्पादन पर पानी खर्च का आंकड़ा 90 हजार करोड़ लीटर तक पहुंचता है। वहीं पूरे साल में हल्द्वानी की जनता को 21 हजार करोड़ लीटर तक पानी की सप्लाई होती है।

हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में हर साल गर्मियों में लोगों को पानी संकट से जूझना पड़ता है। कई इलाके ऐसे भी हैं जहां सालभर पानी की समस्या रहती है। इसके उलट इन क्षेत्रों में तैयार होने वाला चावल जमकर पानी पी रहा है। यही वजह है विशेषज्ञ चावल की खेती में पानी की अधिक खपत को देखते हुए किसानों को अन्य फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हरियाणा सरकार अपने किसानों को चावल की खेती नहीं करने पर कई ऑफर दे रही है। कृषि उपकरणों की खरीद पर उन्हें सब्सिडी दी जाती है। हालांकि उत्तराखंड में अभी ऐसे कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।