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• Sun, 16 May 2021 8:19 pm IST


नेक काम - शहर के 20 कोविड सेंटरों में शांतिकुंज पहुँचा रहा है अंकुरित अन्न


हरिद्वार 16 मई।
विगत कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों की कम हो रही संख्या ने कुछ राहत दी है। इसका मुख्य कारण प्रशासन और डाॅक्टर्स की मेहनत तथा संक्रमितों का आहार-विहार है। संक्रमितों के स्वास्थ्य के लिए दवा के साथ आहार का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसमें दवा रोग को कमजोर करने में तथा आहार रोगी के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आयुर्वेद में आहार के विषय में बात करें तो अंकुरित अन्न सर्वोत्तम आहार के रूप में माना जाता है।

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डाॅ प्रणव पण्ड्या जी के निर्देशन में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. चिन्मय पण्ड्या जी एवं उनकी एक टीम जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित शहर के बीस से अधिक कोविड सेंटरों में अंकुरित अन्न पहुंुचाने का काम कर रही है। अंकुरित अन्न शांतिकंुज में ही तैयार किया जा रहा है। जो नित्य एक क्विंटल से अधिक होता है।
इसके साथ ही जिला प्रशासन के सामंजस्य से  शांतिकंुज विविध सेवा प्रकल्प भी चला रहा है। उल्लेखनीय है कि शांतिकंुज में भी कोविड संक्रमितों हेतु अस्पताल बनाया जा रहा है। तो वहीं यहां के व्यवस्था तंत्र ने अपनी एक एम्बूलंेस शांतिकंुज के निकट रहने वाले कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए नियोजित किया हुआ है। यह सेवा कार्य विगत एक माह से निरंतर चल रहा है।

शांतिकंुज फार्मेसी की आयुर्वेदाचार्या डाॅ वन्दना श्रीवास्तव कहती हैं कि कोरोना संक्रमितों को दिये जाने वाले आहार में अंकुरित अन्न को शामिल करना चाहिए। चार से पांच चम्मच यानि सौ ग्राम अंकुरित अन्न से एक व्यक्ति को दिनभर के लिए पर्याप्त पोषक तत्व- प्रोटीन, कार्बोहाड्रेड आदि मिल जाता है।
इससे मिलने वाला पोषक तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ निरोग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंकुरित अन्न बनाने में साबुत मंूग, काला चना, सोयाबीन, मंूगफली, अजवाइन, मैथी शामिल करना चाहिए। अंकुरित अन्न खूब चबा-चबाकर खाली पेट स्वल्पाहार के रूप में लेना चाहिए।