आमलिकी एकादशी पर महिलाओं ने सुख, सौभाग्य और आरोग्यता के लिए आंवले के पेड़ का पूजन किया। महिलाओं ने आंवले पर मौली और चुनरी बांधकर चूड़ी-बिंदी और रंग भी चढ़ाया। विभिन्न मंत्रों से पूजा अर्चना के बाद आंवले के पेड़ की आरती उतारी गई। महिलाओं द्वारा आंवले के पेड़ को लक्ष्मी माता का स्वरूप मानते हुए सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी लिया गया। आमलिकी एकादशी पर आंवले की पत्तियों तथा फल के जल से स्नान कर आरोग्यता व सौभाग्य की भगवान से कामना की जाती है।