किसान सेवा सहकारी समिति की ओर से किसानों को यूरिया उर्वरक के साथ नैनो यूरिया और जिंक दिए जाने पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने समिति परिसर में हंगामा किया। बाद में किसानों ने प्रबंध निदेशक का घेराव कर उन्हें बंधक बना लिया। प्रबंध निदेशक के समझाने पर किसान बमुश्किल शांत हुए। बुधवार को भाकियू के सदस्यों ने किसान सेवा सरकारी समिति कार्यालय पहुंचकर समिति के प्रबंध निदेशक हेमराज सिंह चौहान का घेराव कर कहा कि किसानों को यूरिया के साथ नैनो यूरिया न दी जाए। उनकी मांग थी कि समिति का प्रतिमाह यूरिया का कोटा 300 एमटी किया जाए। किसानों ने कहा कि गेहूं और गन्ने की फसलों पर किसानों की ओर से नैनो यूरिया के प्रयोग करने पर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। किसानों को नैनो यूरिया जबरदस्ती न सौंपा जाए। किसानों को आक्रोशित देख समिति के प्रबंध निदेशक ने इफ्को के क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक नीरज डोभाल से किसानों की दूरभाष पर वार्ता कराई। सहकारी समिति के प्रबंध निदेशक चौहान ने आश्वासन दिया कि किसानों को उनकी यूरिया की मांग के अनुसार 20 प्रतिशत नैनो यूरिया ही दिया जाएगा। प्रबंध निदेशक के समझाने पर किसान शांत हुए। आक्रोशित किसानों ने कहा कि सरकार का यह कदम किसानों के हित में नहीं है। इस दौरान जगजीत सिंह भुल्लर, अमनप्रीत सिंह, सुखबीर सिंह, हरभजन सिंह, गुरु चरण सिंह, मोहम्मद दिलशाद, मोहम्मद इरशाद, कुलविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह, गुरनाम सिंह, इंद्रजीत सिंह आदि मौजूद रहे।